राजस्थान की गहलोत सरकार संघ विचारधारा से प्रेरित, 27 को दलित मुस्लिम जलाएंगे संजीव प्रकाशन की किताबें- अनिल धेनवाल



जयपुर। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल धेनवाल ने कहा है कि राजस्थान में इस्लाम के विरुद्ध लेख लिखने वाले संजीव बुक्स से राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की मिलीभगत है और इस आधार पर वह मुस्लिम युवाओं का उत्पीड़न कर रही है। इतना ही नहीं मामले की सुनवाई करने वाले मजिस्ट्रेट का भी तबादला करना यह दर्शाता है कि यह सरकार पूरी तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इस्लामोफोबिक एजेंडे से परिचालित है। जबकि कांग्रेस पार्टी कें पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी खुले मंच सें rss की नीति एवंम उसकी विचारधारा का विरोध करते है जबकि राजस्थान की गहलोत सरकार rss की विचारधारा का समर्थन कर रही है। अनिल धेनवाल ने जयपुर में पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष चन्द्रशेखर के दो दिन के प्रवास के दौरान चर्चा के बाद यह कार्यक्रम घोषित किया। धेनवाल ने अपील की कि इस शनिवार 27, मार्च को असर की नमाज़ के बाद शाम 05:30 बजे से राजस्थान के दलित, मुस्लिम, जनजातीय और आम बहुजन संजीव बुक्स के मालिक प्रदीप मित्तल और मनोज मित्तल के पुतलों के साथ संजीव बुक्स जलाकर अपना विरोध व्यक्त करेंगे।

पार्टी के संस्थापक चन्द्रशेखर आज़ाद, भीम आर्मी प्रदेश अध्यक्ष सत्यवाद मेहरा, पार्टी के राजस्थान प्रभारी रईस अहमद मलिक और युवा मोर्चा अध्य़क्ष सुनील भिंडा की मौजूदगी में धेनवाल ने कहाकि पहली गलती राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल की कक्षा 12वीं की राजनीति विज्ञान की पुस्तक के एक चैप्टर से हुई। इसमें इस्लाम और आतंकवाद को जोड़ा गया। इस अध्याय के विस्तार को संजीव बुक डिपो ने एक पास बुक में बहुत आपत्तिजनक रूप से प्रस्तुत किया। इसका जब मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया तो सरकार ने पूरे मामले को दबाने की कोशिश की। अनिल धेनवाल ने कहाकि संजीव बुक्स के सामने विरोध जताने के लिए यूनुस चोपदार के साथ नुरूद्दीन नागौरी, इकरामुद्दीन, शाहरुख़ ख़ान और लतीफ़ मुग़ल 16 मार्च को पहुंचे थे। संजीव बुक्स के संघी एजेंडे के साथ मिलकर कांग्रेस की संघी पुलिस ने पीड़ित को ही जेल भेज दिया। इतना ही नहीं अदालत में सरकारी वकील ने मुस्लिम विरोधी मानसिकता का परिचय देते हुए पांचों मुस्लिम युवाओं को बचाने का प्रयास ही नहीं किया। 

धेनवाल ने राजस्थान की पुलिस के इस्लामोफॉबिक चेहरे का हवाला देते हुए कहाकि संजीव बुक्स के बाहर प्रदर्शन करने वाले मुस्लिम युवाओं को गहलोत की पुलिस जेल भेज देती है, इनकी प्राथमिकी भी दर्ज नहीं करती लेकिन इस्लाम की तौहीन करने वाले संजीव बुक्स के मालिक प्रदीप मित्तल और मनोज मित्तल की रिपोर्ट पर पांच-पांच मुस्लिम युवाओं का दमन करती है। उन्होंने कहाकि उन्हें सूचना है कि पुलिस 25 और मुस्लिम युवाओं को इस मामले में गिरफ्तार करेगी लेकिन दंभ में जी रही गहलोत सरकार को यह समझना चाहिए कि मित्तल भाइयों ने नहीं बल्कि जिस मुस्लिम समुदाय ने उन्हें सत्ता तक पहुंचाया है वह उस समाज के साथ योगी आदित्यनाथ जैसी नीतियाँ क्यों अपना रहे हैं? पीड़ित मुस्लिम युवाओं की सुनवाई करने वाले मजिस्ट्रेट का तबादला यह दर्शाता है कि अशोक गहलोत संघ की शरण में जा चुके हैं और संघ के निर्देश पर काम कर रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान की कांग्रेसी सरकार के मुस्लिम विरोधी चेहरे के लिए यह केस एक मिसाल बनकर उभरेगा और भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) कदम से कदम मिलाकर साथ देगी।

पार्टी संस्थापक चन्द्रशेखर आज़ाद ने चोपदार के परिवार के अतिरिक्त बाकी पाँचों पीड़ितों के परिवार के साथ जयपुर में भेंट की। मुलाक़ात के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनिल धेनवाल ने कहाकि राजस्थान का दलित इन पीडितों के साथ है। समय आ गया है कि वर्णवादी सरकारों को विदाई दें। यह संविधान बचाने की चुनौती है और देश का हर बहुजन इस लड़ाई में उनका साथी है। उन्होंने जयपुर और राजस्थान की आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि वह चोपदार और पीड़ित परिवार के सम्पर्क में रहें और जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता साथ ही संजीव बुक्स के इस्लाम विरोधी मालिक प्रदीप मित्तल और मनोज मित्तल को जेल नहीं भेजा जाता, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

धेनवाल ने कहाकि लम्बे समय से संजीव बुक्स के मालिक प्रदीप मित्तल और मनोज मित्तल का दलित, बहुजन, मुस्लिम, जनजातीय विरुद्ध नीति से वह वाकिफ हैं। समय आ गया है कि मुस्लिम ही नहीं बल्कि आम बहुजन इसकी पुस्तकों का बायकॉट करे। संजीव बुक्स के मालिक प्रदीप मित्तल और मनोज मित्तल के पुतलों के साथ के राजस्थान के हर जिले और कस्बे में संजीव प्रकाशन की बुक्स को जलाने का कार्यक्रम 27 मार्च, शनिवार को असर की नमाज़ के बाद शाम 05:30 बजे को तय किया गया है। इसके अलावा सभी पीड़ित परिवार वालो ने न्याय की इस लड़ाई में भीम आर्मी के साथ आने पर ओर इस भाईचारे के लिए अपनी ओर से धन्यवाद अर्पित किया।