सेंधवा : आनन्दम हॉस्पिटल निजी अस्पताल में आदिवासियों के साथ  खिलवाड़ और गलत उपचार के कारण आदिवासी की मौत हुई ! 



आयुष्मान कार्ड के पैटर्न पर इलाज भी किया जा रहा था साथ में पीड़ित व्यक्ति की पेट मैं प्राबलम हो गई थी उसका ऑपरेशन करने के लिए डॉक्टर और पीड़ित परिवारों के साथ में एक समझौता हुआ उस खर्चे में पूरा इलाज हो जाएगा टोटल 63000 हजार रुपये की बात हुई जिसमें से पीड़ित के परिजनों ने ₹29000 जमा कर दिए और बाकी ऑपरेशन के पैसे आईसीयू में एडमिट दवाई गोली और ड्रेसिंग टाके टूटने तक 6 महीने की बात हुई ! 


ऑपरेशन के दौरान पीड़ित व्यक्ति की मौत हो गई मौत हो गई रात्रि परिजनों को डॉक्टर ने सूचना की ऑपरेशन हम लोगों ने किया लेकिन पेट में पूरे अतड़िया सड़ने के कारण मरीज नहीं बच पाया अब आप लोग डेड बॉडी ले जाओ और जो बकाया पैसा है वह पैसा जमा करके डेड बॉडी ले जा सकते हैं !


परिजन घबरा गए और बोले कि हमारा मरीज तो अच्छा स्वास्थ्य था आप लोगों ने गलत इलाज किया होगा, इलसीए मर गया डॉक्टर ऐसा नहीं बोला हमने बहुत कोशिश करी और आप लोगों को हम लोग कहा था कि ऑपरेशन के दौरान कुछ होता है तो हमारी जिम्मेदारी नहीं और आप लोगों ने जो कागज की जो प्रक्रिया है उसके ऊपर आप लोगों ने प्रत्यक्ष रूप से हस्ताक्षर भी की अब हम कुछ नहीं कर सकते बाकी पैसा दो और डेड बॉडी ले जाओ ऐसा करके बोल दिया । 


फिर मृतक का बड़ा भाई मैं तुरंत एक दूसरे को फोन लगाया और दुखद घटना बताइए और बाकी जो ऊपर के जो पैसा बाकी है वह पैसा डॉक्टर साहब मांग रहे हैं उसके बाद में डेड बॉडी दूंगा करके बता रहे हैं उसके पश्चात हमारे सामाजिक कार्यकर्ता आप परशराम सेनानी जी और महेंद्र सेनानी आनंदम हॉस्पिटल पहुंचकर डॉक्टर से बात करने की कोशिश की जब तक रात्रि के 11:30 बजे समथिंग समय हो गया था उन्होंने काउंटर पर वहां के स्टाफ के साथियों से बात की तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर मना किया है जो बकाया पैसा है वह पैसा जमा हो जाए उसके बाद में डेड बॉडी ले जाना ऐसा करके उन्होंने कहा है तो हम लोग पूरे पैसे नहीं देते जब तक हम लोग डेड बॉडी नहीं दे पाएंगे तो उन्होंने हाथ पाव जोड़कर विनती की कि अभी फिलहाल पैसा नहीं है अभी फिलहाल ₹10000 हैं और जो बाकी पैसा है वह हम लोग 15 दिन के अंदर दे देंगे अभी हम लोगों को डेडबॉडी ले जाने दो हम हमारी गारंटी या फिर मेरी टू व्हीलर मोटरसाइकिल है उसे आप रख लो मैं 15 दिन के अंदर जो बाकी का जो पैसा है ₹24000  हजार वह में जमा करवा दूंगा !


लेकिन उसके बावजूद भी डॉक्टरों ने मना कर दिया बाद में रात्रि समय मेरे पास तुरंत फोन आया मुझे घटना के बारे में बताया तो मैं तत्काल हॉस्पिटल मेरे साथी मगन जमरे को लेकर पहुंचा वहां पर पहुंच कर बात करी काउंटर वालों से काफी बहस हुई, लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया जब हमने हॉस्पिटल के संचालनकर्ता का संपर्क नंबर मांगे तो उन्होंने मना कर दिया नंबर देने से स्टाफ के साथियों ने तो मैंने तुरंत डॉक्टर आनंद गुप्ता को रात्रि समय संपर्क बनाने की कोशिश की लेकिन मेरा ना ही उनसे मोबाइल से संपर्क बन पाया उसके पश्चात हम लोगों के पास में दूसरा रास्ता नहीं था मैंने तुरंत सेंधवा  S.D.O.P. बारिया साहब जी को तुरंत फोन पर चर्चा हुई उनको मैंने घटना के बारे में पूरे विस्तार से बात कही S.D.O.P साहब जी ने बताया कि मैंने नागलवाड़ी कार्यक्रम में हूं मुझे समय हो जाएगा मैं डॉक्टर साहब से संपर्क बनाने की कोशिश करता हूं ऐसा करके फिर हम लोगों ने रास्ता देखे S.D.O.P शाहब जी को फिर से फोन लगाया फिर बाद वह कई कार्यक्रम में नागलवाड़ी में होने के कारण रात्रि लगभग 12:30 बज गई फिर बाद में हमारा संपर्क टूट गया पुलिस प्रशासन से फिर हम लोगों ने 2:00 बजे तक कोशिश की उसके बाद सवेरे मॉर्निंग की बात हुई ! 


  फिर हम लोगों ने एक मैसेज बनाकर रात्रि में फॉरवर्ड किया जिसमें लिखा की एक आदिवासी गरीब किसान के पेट का ऑपरेशन दौरान डॉक्टर ने हत्या कर दी ऐसा करके हम लोगों ने मैसेज वायलर किया जिसमें लिखा एक मरीज को बचा नही पाए उसके बाद भी जो बाकी का जो पैसा बकाया था वह पैसे पूरे नहीं देते तक डेड बॉडी नहीं मिलेगी ऐसा करके डॉक्टर कहा हैं प्रात: 7:00 बजे सभी लोग इकट्ठा होकर डॉक्टर के खिलाफ मरीज गलत इलाज के दौरान हत्या कर दी  हैं हत्या का मुकदमा व अन्य धाराओं के के सहित F.I.R. दर्ज करवाने की मांग को लेकर डेड बॉडी को रोड पर रखकर चक्का जाम करेंगे इस तरह से मैसेज वायरल करके लोगों को सूचना की !


प्रात: सुबह-सुबह मृतक के परिजनों हॉस्पिटल वालो ने कहा डॉक्टर का फोन हैं आया हैं अभी आप लोग डेड  बॉडी ले जावो और थोड़े बहुत पैसे हो तो पैसे जमा कर दो बाकी बाद मैं दे देना ऐसा करके बोला गया...परिजनों कहा हैं अभी नही ले जाएंगे हमारी साथी आएंगे जब ले जाएंगे.....


सभी जनसंगठन के कार्यकर्ता उपस्थित होकर धरना प्रदर्शन किया जिसमें हत्या का आरोप लगाकर F.I.R. दर्ज करने की मांग को लेकर अड़े रहें, पुलिस बल और थाना प्रभारी S.D.O.P. शाहब आने के। बाद उन्होंने डॉक्टर से बात की और डॉक्टर के खिलाफ कारवाई करने की बात कही जाँच पड़ताल की जाएगी लेकिन परिजनों का आरोप हैं, हमारा मरीज की सीरियस नही था उन्हें तो पेट मैं तकलीफ़ थी जो डॉक्टर कहा कि ऑपरेशन करना पड़ेगा इलसीए भर्ती किया था लेकिन डॉक्टर ने गलत इलाज करके उसकी हत्या कर दी पुलिस प्रशासन द्वारा कोई आश्वासन नही मिलने से धरना प्रदर्शन जारी रहा औऱ डॉक्टर से विवाद बढ़ने लगा लोगों मैं आक्रोश देखकर पुलिस बल बढ़ता गया साथ आदिवासी एकता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष आप गजानन्द ब्राह्मणे जी कहा आनन्दम हॉस्पिटल आयुष्मान योजन से चिन्हित पर भी लोगों को योजना का लाभ नही मिलता हैं ! 


5 , 6 घण्टे बाद फिर सेंधवा S.D.M. महोदया जी पहुँचकर मृतक के परिजनों से मिलकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा उन साथियों के साथ औऱ डॉक्टर से बात किया औऱ S.D.M. महोदया जी ने बताया निष्पक्ष  जांच की जाएगी साथ ही पोस्मार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी !


सामाजिक कार्यकर्ताओ मैं काफ़ी आक्रोश हुए SDM से बहस हुई संगठन के कार्यकताओ का कहना हैं, आदिवासी समाज मैं बिना जाँच हुए FIR हो जाती है आप क्यू कर सकते हैं, विगत माननीय सुप्रीम कोर्ट कहा हैं किसी निजी हॉस्पिटल मैं मरीज़ की मौत हो जाती हैं, पहले डेड बॉडी लें जाना औऱ बाकी बकाया बाद मैं इस कि देश मैं कानून की व्यवस्था बनी हैं, आप लोग फ़ॉलो नहीं करते हैं, हम इस मामले को लेकर हाइकोर्ट का दरवाजा खट-खटायँगे औऱ दोषियों को सजा दिलाएंगे ! नकारात्मक बात करके सेंधवा S.D.M. मेडम वापस चल गई उसके बाद S.D.O.P शाहब डेड बॉडी को पोस्टमार्टम करने के लिए शासकीय हॉस्पिटल मैं रवाना किया, उसके पोस्टमार्टम करवाकर घर लेजाकर अंतिम संस्कार किया !💐


इस दौरान : आप गजानन्द ब्राह्मणे जी, आप परसराम सेनानी, आप मोंटू सोलंकी, आप विजय सोलंकी, आप मगन जमरे जी, आप महेंद्र सेनानी, गेंदराम भाई, प्रकाश भाई,रामकिसन जाधव,देवा भाई,दारासिंग भाई,भाईलाल भाई, सुखलाल परमार जी,किशन भाई,भीम भाई,शिवजी भाई, सुनील नरगावें जी अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहें ।