चिकित्सा प्रशासन की भारी लापरवाही आई सामने
कोरोना से मृतक संपत लाल गुर्जर पुत्र सत्यनारायण गुर्जर निवासी पीडब्ल्यूडी के पीछे की डेड बॉडी परिवार जनों को समलाई जबकि नियमानुसार संक्रमित व्यक्ति की डेड बॉडी परिवार जनों को नहीं देकर नगर परिषद को दी जाती है तथा नगर परिषद द्वारा बनाई गई टीम द्वारा उसकी अंत्येष्टि की जाती है। यहां तक की डेड बॉडी को ढकने के लिए पीपी किडनी परिवार जनों को बाजार से खरीद के लाना पड़ा। मुक्तिधाम पहुंचने पर वहां नगर परिषद के कोई कर्मचारी नहीं मिले तथा जब पुत्र रोनक हुआ पत्नी राधा ने अंत्येष्टि कर दी तब नगर परिषद के कर्मचारी पहुंचे। इतनी बड़ी लापरवाही एक तरफ प्रशासन कोरोना आक्रमण को रोकने के लिए पूरे प्रयासरत है वही जिम्मेदार चिकित्सा प्रशासन द्वारा इस तरह की लापरवाही कोरोना को बढ़ावा ही देगा ना कि उस पर अंकुश लगेगा। जनप्रतिनिधि महेश जिंदल ने पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन नगर परिषद प्रशासन व चिकित्सा प्रशासन को जमकर घेरा तथा पूरी लापरवाही का जिम्मेदार बताया है। जिंदल ने मांग की है कि लापरवाही अधिकारी कर्मचारियों पर आपदा अधिनियम का उल्लंघन की कार्रवाई होनी चाहिए।
उक्त मामले में परिवार जन मृतक को पैतृक गांव रामगंज बालाजी ले जाने के कारण सूचना तंत्र गड़बड़ा गया जिस कारण समय पर नगर परिषद को नहीं मिल पाई सूचना, इस कारण नगर परिषद एवं परिजनों का समन्वय नहीं बैठ सका, गांव में दाह संस्कार की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होती है लेकिन वहां लकड़ियों की व्यवस्था नहीं होने के कारण परिवार जन मृतक संपत लाल गुर्जर को वापस बूंदी ले आए तथा समन्वय नहीं होने के कारण नगर परिषद टीम मौके पर देरी से पहुंची ,इससे पूर्व ही परिवार जन मृतक का अंतिम संस्कार कर चुके थे




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