राजेन्द्र राठौड़ नेता उपप्रतिपक्ष ने कहा है

राज्य में चरमराई कानून व्यवस्था का आलम यह है कि यहां महिला, बच्चे, दलित, व्यापारी के बाद पुजारी भी सुरक्षित नहीं


है। करौली के बाद अब दौसा के महुआ में भूमाफिया व पुलिस की मिलीभगत की वजह से पुजारी की मृत्यु होने की घटना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है।


दौसा में सत्ता संरक्षित भू माफियाओं ने मंदिर माफी की 26 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है। ​मेरी मुख्यमंत्री Ashok Gehlot जी से मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर भू माफियाओं के साथ लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएं तथा मंदिर माफी की जमीन उनके कब्जे से मुक्त कराएं।