एफसीआई, राजफेड और तिलम संघ के अधिकारियों के साथ कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में गेहूं खरीद की समीक्षा की।


अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून आने से पहले संसदीय क्षेत्र के किसानों का सारा गेहूं खरीद लिया जाए। खरीद प्रक्रिया को ‘‘ओपन‘‘ कर किसानों को उनके टोकन की निर्धारित तिथि से पहले भी गेहूं तुलवाने की सुविधा दें। जो किसान टोकन की निर्धारित तिथि पर नहीं आ सके, वे भी यदि आएं तो उनका भी गेहूं तोला जाए। एफसीआई को उन पंजीकृत किसानों का भी गेहूं खरीदने को कहा है जिन्होंने टोकन नहीं लिया। राजफेड किसानों का मौके पर ही रजिस्ट्रेशन कर उनका गेहूं तोले। किसी भी किसान को गेहूं तोले बिना लौटाया नहीं जाए। गत वर्ष 27 मई तक संसदीय क्षेत्र में 2.10 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी। जबकि इस वर्ष इसी तारीख तक 4.05 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है। गत वर्ष कोटा-बूंदी में कुल 4.82 लाख मीट्रिक टन खरीदा गया था। जल्द ही इस मात्रा को भी पार कर उससे अधिक गेहूं खरीद लिया जाएगा। अधिकारियों को गेहूं खरीद के दो दिन के भीतर किसानों को भुगतान सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।