राजेन्द्र राठौड़ नेता उप प्रतिपक्ष ने कहा है किबिजली उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज के नाम पर एक बार फिर 112 करोड़ रु का अतिरिक्त भार लादना दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस सरकार ने विद्युत दरों में बार-बार बढ़ोतरी कर वैश्विक महामारी कोरोना के कारण से आम आदमी की लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था के घाव पर नमक छिड़कने का काम किया है।
राज्य सरकार ने टैरिफ, फ्यूल चार्ज, फिक्स चार्ज, एडिशनल सिक्योरिटी व अडानी जजिया कर लगाकर 3 बार विद्युत दरों में बढ़ोतरी कर राज्य के 1 करोड़ 52 लाख उपभोक्ताओं की जेब पर 5200 करोड़ रु का डाका डाला है और अब 112 करोड़ रुपये का झटका देने की तैयारी में है जबकि बिजली तारों से गायब है।
सत्ताधारी कांग्रेस सरकार में फ्यूल सरचार्ज के नाम पर अब तक उपभोक्ताओं पर औसतन 35 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार आ चुका है। पिछले वर्ष फरवरी में हुई विद्युत दरों में बढ़ोतरी की राशि को भी इसमें जोड़ा जाए तो आम उपभोक्ता को औसतन 1.50 रु प्रति यूनिट ज्यादा राशि चुकानी पड़ रही है।
फ्यूल सरचार्ज वसूली की तैयारी पहले से चल रही थी लेकिन डिस्कॉम ने जानबूझकर विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद इसकी वसूली के आदेश जारी किए ताकि कार्यवाही के दौरान विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को न घेर लें। लेकिन हम बिजली दरों में वृद्धि को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोलकर रहेंगे।

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