झाड़ोल के दो युवाओं ने"अंतरराष्ट्रीय गोरैया दिवस" (20 मार्च)पर गोरैया बचाने की मुहिम शुरू





झाडोल। भारत देश अपनी प्रकृति के प्रति जितना सजग है उतना कोई अन्य देश नही है।बात पशु पक्षियों की करे तो जो गोरैया कभी घर आंगन की शोभा हुआ करती थी वो आज विलुप्त होने की कगार पर है। देश की राजधानी दिल्ली व बिहार का राज्य पक्षी "गोरैया" को इस "विश्व गोरैया दिवस" पर झाड़ोल क्षेत्र के दो युवा समाजसेवी नरेश लोहार(मगवास) ओर विक्रम सिंह भागरोत(गोरण) ने इनकी विलुप्त होती प्रजाति को बचाने,इन्हें गरोंदा ओर दाना पानी देने की मुहिम शुरू की है जिसमे दोनो मित्रो ने गाँव गावँ जा कर परिण्डे,सकोरे व बर्ड हाउस बाटकर लोगो को गोरैया बचाने  और प्रकृति के इस अनमोल तोहफे को विलुप्त होने से बचाने के लिए लोगो को जागरूक किया है।

युवाओ ने सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से "सेवे स्पेरो,सर्व बर्ड" अभियान चलाकर एव विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से इस मुहिम को आगे बढ़ाया है।

भारत देश के लोगो मे अपनी प्रकृति व संस्कृति को सहेजने की अपार क्षमता है।20 मार्च को मनाया जाने वाला "अंतरराष्ट्रीय गोरैया दिवस"एक आंदोलन की शक्ल ले रहा है।

विभिन्न कार्यक्रमो,प्रतियोगिताओं के माध्यम से लोगो को गोरैया के प्रति जागरूक कर उन्हें बचाने के उपाय बताए जा रहे है।युवाओ द्वारा गोरैया बचाने के लिए विशेष आंदोलन चलाया जा रहा है जिसमे पक्षी प्रेमिओ के अलावा पक्षीविद एवं विभिन्न गाँव समाज के लोग भी इस आंदोलन से जुड़ रहे है।

एक चिड़िया अनेक चिड़िया,,,दाना चुगने आयी चिड़िया,,,,,गोरैया से जुड़ा ये गीत और कहि छोटी मोटी कविताएं हमने बचपन मे पढ़ी है सुनी है।प्राचीन काल से चिड़िया मानव जाति कि सहचरी रही है।उल्लास, परम्परा,स्वतंत्रता और संस्कृति की संवाहक गोरैया की संख्या दिनों दिन घटती जा रही है।इसकी संख्या में लगातार गिरावट से सहरी जीवन और जैव विविधता के बीच एक बहुत बड़ा शून्य पैदा होता जा रहा है।

बगीचों से लेकर खेतो तक हर जगह इनकी संख्याओं में गिरावट को देखते हुए इनको पक्षियो की संकट ग्रस्त प्रजाति की "रेड सूची" में शामिल किया गया है।

फिर आएगी नन्ही चिड़िया:- पक्षीविदों का मानना है कि घरो से रोशनदानों के गायब होने और लोगो द्वारा छतों पर दाना पानी की व्यवस्था न करने के कारण इनकी संख्याओं में गिरावट आई है।हम सब हमारे घरों की बालकनी,छतों,बाड़े या पेड़ो पर इनके लिए घरोंदे लटकाए ओर दाना पानी की व्यवस्था करे तो देखिए यह नन्ही सी चिड़िया हमारे आस पास फिर से फुदकने लगेगी।