स्पैरो कम बैक होम अभियान


दी मिशन ऑफ हैप्पीनेस फाउंडेशन के संस्थापक हितेश कुमावत ने स्पैरो कम बैक होम अभियान के बारे में बताते हुुुए बताया कि गौरैया दिवस शनिवार को मनाया जाएगा। शहर से शुरू गौरैया बचाने का अभियान अब देश के कोने-कोने तक पहुंच चुका है। हर घर में सुंदर सा गौरैया का घोसला धीरे-धीरे स्टेटस सिंबल भी बनता जा रहा है। शुरुआत घनी बस्तियों से हुई लेकिन अब पॉश इलाकों में पेड़-पौधों के बीच सुंदर सा

घोसला गौरैया को सुरक्षा दे रहा है। बच्चे गौरैया दिवस पर अपने हाथों से बनाए घोसले टांगेंगे।दी मिशन ऑफ हैप्पीनेस फाउंडेशन द्वारा पिछले 7 सालों से उदयपुर शहर में स्पैरो कम बैक होम अभियान चला रखा है


। संस्थापक हितेश कुमावत ने बताया कि  घोसला कैसे तैयार करना है, कहां लगाना है, कैसे गौरैया और इसके बच्चों का ख्याल रखना है। लोगो को विभिन्न माध्यम से जागरूक किया हैं। अभी गौरैया का प्रजननकाल है। इसके बाद जैसे ही तेज गर्मी शुरू होगी तो इन पंक्षियों को दाना के साथ पानी के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। पेड़ों की पुरजोर कटाई से इनके लिए आशियाना तलाशना भी काफी मुश्किल होता जा रहा है।संस्थान के आस पास हरियाली है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने गौरैया की सुरक्षा को लेकर घोसले लगाए हैं। पानी के लिए विशेष मिट्टी के कटोरे टांगे हैं। उनके लिए रोज दाने की व्यवस्था की जाती है। वह बताते हैं, सुबह के वक्त जब चिड़ियों को डेरा उनके घर पर होता है तो यह मन को सुखद अहसास कराता है।आप भी टांगें घोसला, रखें ध्यानआप स्वयं जूते के डिब्बों या कार्डबोर्ड के अन्य डिब्बों या लकड़ी के बने घोसले ऐसे स्थान पर लगा सकते हैं, जहां पक्षियों को आने-जाने में आसानी हो। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी इस बात का ख्याल रखा जाए कि बिल्ली की पहुंच यहां तक न हो। इसके अलावा जिस स्थान पर घोसला हो, वहां विशेषकर छत के पंखे दूरी पर हों। गौरैया के लिए दाना-पानी का ध्यान रखें। खुद ऐसा करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। जब आप गौरैया का ख्याल रखेंगे तो वह आपके आंगन में जरूर फुदकेगी और आपके मन को सुख की अनुभूति कराएगी