मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अखिल राजस्थान जाटव महासभा जयपुर के छात्रावास एवं सामुदायिक भवन का शिलान्यास


कार्यक्रम:

मुझे आज बहुत खुशी है कि जो सपना घनश्याम बृजवासी जी के नेतृत्व में 8 साल पहले देखा गया था, जब ये जमीन अलॉटमेंट हुई थी 2013 के अंदर, वो सपना आज आप सबके सहयोग से पूरा होने जा रहा है। शिलान्यास हुआ है, अभी शानदार छात्रावास बनेगा, सामुदायिक भवन बनेगा और सभी के काम आएगा, समाज के काम भी आएगा। 

सरकार की सोच हमेशा से रही है कि किस प्रकार से हम लोग विभिन्न समाजों को जमीन की जब कोई मांग हो समाज के लिए, छात्रावास के लिए, सामुदायिक भवन के लिए, तो जमीन सरकार की तरफ से नॉमिनल प्राइस पर मिलनी चाहिए। उस वक्त भी एक करोड़ से अधिक की जमीन थी ये और 5 लाख रुपए में मेरे ख्याल से ये दी गई थी। सरकार बदल गई तो, मेरे ख्याल से कई समाज के लोग थे, सब मेरे पास आते थे कि साहब जो जमीन आपने दी थी वो सबको रद्द कर दिया गया। पर मुझे खुशी है कि अल्टीमेटली आज ये जमीन आपको, सरकार वापस बनी, आपको संघर्ष करना पड़ा और आखिर में जमीन आपको मिली और आपने सबने हिम्मत करके भामाशाहों की मदद से ये संकल्प किया कि हमें यहां पर सामुदायिक भवन बनाना है, छात्रावास बनाना है। मुझे उम्मीद है कि जब काम शुरू हो गया तो आप समयबद्ध रूप से इस काम को पूरा करेंगे और भजनलाल जी जाटव साहब के सहयोग से, प्रभाव से, सुभाष गर्ग जी बैठे हुए हैं सबके सहयोग से ये भवन समय पर पूरा हो पाएगा। अभी सुभाष गर्ग जी कह रहे थे कि मैं भी अपने समाज की तरफ से 5 लाख रुपए का सहयोग करने का प्रयास करूंगा। मैं कहूंगा, प्रयास नहीं करोगे, आपको दिलवाना ही पड़ेगा, वरना अपनी जेब से देना पड़ेगा। समाज इतना बड़ा है सुभाष गर्ग जी का, तो प्रयास क्या करना, भई कम पड़े तो अपनी जेब से देना, पर आपको देना है। इस प्रकार से इस भवन को पूरा आप बनाओ और अभी ये ठीक कहा गया कि सरकार ने कोई कमी नहीं रखी है, डॉ. अम्बेडकर साहब, जिनका इतिहास बन गया, अंबेडकर साहब का नाम देश के इतिहास में जब संविधान के निर्माता के रूप में जब सबके सामने हैं हमेशा के लिए। जब तक संविधान रहेगा और संविधान सदियों तक रहेगा, तब तक बाबा साहब का नाम रहेगा। इस रूप में उस जमाने के अंदर जो संघर्ष किया और जिस प्रकार से उन्होंने उस वक्त में समाज के जो हालात थे उसको पहचान लिया और आप-हम तो सुनते ही हैं कि आजादी के पहले क्या हालात थे देश के, किस रूप में भावनाएं थीं अलग-अलग समाज को लेकर, उसमें जिस प्रकार से उन्होंने सबको कहा, शिक्षित बनो, संघर्ष करो, आगे बढ़ो और आजादी के बाद में भी लगातार वो संघर्ष जारी है। आज भी मैं समझता हूं कि समाज को एकजुट रहकर सबको आगे बढ़ने की आवश्यकता है और वो तभी होगा, 21st सेंचुरी का जमाना है विज्ञान का, तकनीकी का। राजीव गांधी जी ने कहा था कि हमें 21st सेंचुरी में जाना है, वो जमाना है और उस हिसाब से आज कंप्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल फोन आ गए हैं। अब तो वो ही जाति और वो ही वर्ग आगे बढ़ेगा जो शिक्षा की तरफ ध्यान देगा, बगैर शिक्षा के जीवन में अंधेरा होता है और कोई जाति, कोई परिवार आगे बढ़ ही नहीं सकता बगैर शिक्षा के, वो जमाना आ गया है। कहते हैं कि दुनिया मुट्ठी में है क्योंकि कम्प्यूटर जो हैं और मोबाइल फोन जो हैं, उसमें नौजवान बच्चे जानते हैं किस प्रकार उसका उपयोग कर सकते हैं ज्ञानवर्धन के लिए और सरकार भी उसी रूप में चाहती है कि लगातार ऐसी स्कीमें बनाएं जिससे कि पिछड़े समाज के लोगों को अवसर मिले आगे बढ़ने का। इसी सोच के साथ में जब अभी बजट प्रस्तुत किया गया, तब भी हमने कई घोषणाएं ऐसी की थीं। अभी सुभाष जी कह रहे थे इंग्लिश मीडियम स्कूलों का बहुत क्रेज लोगों के अंदर है, इस बात की मुझे बहुत खुशी है कि आज हमने कहा कि पूरे राजस्थान के अंदर 5 हजार की आबादी पर एक स्कूल खोली जाएगी और बच्चों को वास्तव में इंग्लिश मीडियम की स्कूल जो प्राइवेट होती हैं, वहां पढ़ना बड़ा मुश्किल होता है, फीस तो लाखों रुपए में होती है वहां पर, इतनी महंगी होती है वहां की, कौन भर सकता है। तो सरकारी स्तर पर स्कूल खुलना इंग्लिश मीडियम की, मैं समझता हूं कि बड़ा निर्णय है, इसका लाभ सबको उठाना चाहिए। तो एक के बाद एक फैसले इतने किए, मुझे बताने की आवश्यकता नहीं है। वो तो आप सबको मालूम है कि किसानों के लिए हमने क्या किया, उनको प्रतिमाह 1 हजार रुपए देने का फैसला किया। कोरोना काल में आप सबके सहयोग से जो जंग लड़ी गई, उसमें हम लोग कामयाब हुए, पर मैं फिर भी कहना चाहूंगा, यहां भजनलाल जी तो मास्क लगाए हुए बैठे हुए हैं, अधिकांश लोग मास्क लगाकर नहीं बैठे हुए हैं और आज भी मास्क लगाना आवश्यक है क्योंकि कोरोना वापस थोड़ा फैल रहा है, पंजाब में, हरियाणा के अंदर, मध्यप्रदेश में, महाराष्ट्र में, केरल में। हमें यह कहना पड़ा कि वहां से कोई आदमी आएगा तो पहले टैस्ट करवाकर आएगा। दुनियाभर के मुल्कों में जो बहुत विकसित राष्ट्र हैं, चाहे वो इंग्लैंड हो, चाहे जापान हो, अमेरिका हो, वहां पर भी आज भी प्रभाव बहुत ज्यादा फैल रहा है कोरोना का और वहां पर लॉकडाउन है आज भी। आप कल्पना कीजिए, इंग्लैंड जैसे देश के अंदर यूके में आज पूरा लॉकडाउन है पिछले 4-6 महीने से। इसलिए इसका भी आप, अपने में, मैं आपसे अपील करूंगा, आप सभी लोग आपके परिवारजनों का ख्याल रखें, किसको कहां, कब कोरोना का इफेक्ट पड़ जाए, पता ही नहीं लगता है। आज भी कई लोग बहुत कम संख्या में हैं, पर आज भी कई लोग भर्ती हैं अस्पतालों के अंदर, हम लोग उनका पूरा ख्याल रख रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि उनको कोई तकलीफ नहीं आए और बहुत अच्छा प्रबंधन किया है आपके आशीर्वाद से राजस्थान की सरकार ने, बहुत कम लोगों की मौत हुई, 1 पर्सेंट से भी कम हुई, जबकि पूरे देश के अंदर 1 लाख 60 हजार लोग मारे गए हैं पूरे देश के अंदर। तो आगे आने वाले वक्त में भी हम लोग पूरी तरह ध्यान रखेंगे किस प्रकार से। अभी हमने एससी-एसटी वर्ग के लिए बजट में घोषणाएं अलग से की हैं, उसमें हमारे वहां जो डॉ. अम्बेडकर साहब के नाम से एससी-एसटी उद्यमी प्रोत्साहन विशेष पैकेज दिया है, जैसे इंडस्ट्री को दे रहे हैं हम लोग पैकेज, तो अंबेडकर साहब के नाम का एससी-एसटी उद्यमी प्रोत्साहन विशेष पैकेज मिलेगा और जो बैकवर्ड एरिया है, जो लगाएगा वहां इंडस्ट्री, उसको विशेष पैकेज मिलेगा। इन्वेस्टमेंट की लिमिट भी हमने 50 पर्सेंट कम कर दी है ये प्रोत्साहन लेने के लिए और 5 पर्सेंट ब्याज अनुदान मिलेगा 25 लाख रुपए तक का, 5 वर्ष तक मिलेगा, 15 पर्सेंट कैपिटल सब्सिडी वो 2 करोड़ रुपए तक की होगी वो मिलेगी, एससी-एसटी उद्यमियों को विशेष उनके लिए इन्क्यूबेशन सेंटर चलाए जाएंगे उनको ट्रेनिंग देने के लिए और डॉ. अम्बेडकर साहब के नाम की यूनिवर्सिटी जो पिछली सरकार ने बंद कर दी थी और वो हमने वापस शुरू कर दी है। जल्द ही जमीन अलॉटमेंट होगा उनका, जल्द ही वो यूनिवर्सिटी जो अभी प्रारंभ हो चुकी है, हम चाहेंगे कि जमीन अलॉटमेंट होकर अपने खुद के भवन में जाए वो और एक शानदार पूरे देश के अंदर मैसेज हो कि राजस्थान सरकार और राजधानी जयपुर में डॉ. बाबा साहब अंबेडकर के नाम से यूनिवर्सिटी शानदार तरीके से चल रही है, जिससे कि उनका जो संदेश था, उनकी जो सोच थी गरीबों के लिए, आम नागरिकों के लिए, दलितों के लिए, आने वाली पीढ़ियां भी उस सोच को अपनाकर के आत्मसात कर सकें और वो समाज को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकें। मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि एक तरफ क्योंकि शुरुआत हो रही है और शुरुआत में हम सबको आपने याद किया, कोरोना के अंदर मैं जान-बूझकर अभी जा नहीं रहा हूं क्योंकि अगर एक बार, अभी वैक्सीन लगवाई मैंने भी और आप सबसे अपील करूंगा कि जैसे-जैसे नंबर आए सब लोग वैक्सीन लगवाएं और राजस्थान में हमने कोरोना को हरा दिया है, कोरोना हार गया है राजस्थान में और मैंने कल-परसों विज्ञापन दिया था, आपने देखा होगा कि कहीं हम जीती हुई जंग हार नहीं जाएं, कोरोना से जीती हुई जंग हार नहीं जाएं कहीं हमारी लापरवाही से, तो ये स्थिति नहीं बननी चाहिए, उसके लिए मैं तमाम प्रदेशवासियों से सहयोग चाहूंगा। अभी तक हमने कहा कि कोई भूखा नहीं सोएगा, तो तमाम लोगों ने मैं समझता हूं कि कोई कमी नहीं रखी, सबका ध्यान रखा आपस में, परिवारवालों ने भी, मोहल्लेवालों ने भी एक-दूसरे का ख्याल रखा और हम लोगों ने भी एक तरफ तो साढ़े 3 हजार रुपए दिए प्रत्येक गरीब परिवार को, 32 लाख परिवार ऐसे थे जिनको हमने खुद ने 1 हजार, 1 हजार, 1500 रुपए किश्तें दीं। अब दो किश्तें और उनको देंगे हम लोग, ये मैंने बजट में घोषणा कर दी है। हम चाहेंगे कि उनका ध्यान रखें क्योंकि वो डेस्टिट्यूट भी हैं, गरीब भी हैं और बीमा हमने सबका कर दिया है, बीमा राजस्थान के प्रदेशवासियों का सबका, हमने घोषणा कर दी है। 5 लाख रुपए तक का, 5 लाख रुपए तक जो खर्च होगा प्रति परिवार वो बीमा कंपनियों को भरना पड़ेगा हॉस्पिटल्स के अंदर, इतना बड़ा निर्णय देश में सिर्फ राजस्थान सरकार ने किया है। परंतु मैं आपसे अपील करना चाहूंगा, इसमें अगर कुछ पैसेवाले भी हैं उसको भी सिर्फ 850 रुपए देने पड़ेंगे, इस प्रकार की योजना हमने बनाई है, जिसमें पूरे प्रदेशवासी, यूनिवर्सल बीमा किया है सबका, इस रूप में हम लोगों ने बड़ा फैसला किया है। अब मैं आपसे अंत में ये अपील करना चाहूंगा कि मेरा अनुभव कहता है, आपके आशीर्वाद से मुझे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मिला है और मेरा अनुभव कहता है कि जो स्कीम बनती है सरकार की, अगर वो स्कीमें आप जैसे लोग जो मीटिंग्स में आते हैं, अग्रदूत हैं समाज के, समझदार हैं, समाज का हित और भला चाहते हैं, अगर सब लोग मिलकर गांव में गरीब तक बात नहीं पहुंचे कि आपके लिए सरकार ने फ्री दवाइयां कर रखी हैं, फ्री टेस्ट कर रखे हैं, फ्री बीमा कर दिया है अब, और भी कई योजनाएं हैं, अगर बच्चों की स्कॉलरशिप्स की हैं, पेंशन घर बैठे मिल रही है बुजुर्गों को, विधवाओं को, सब तरह की पेंशन मिल रही है, तो आप सोच सकते हो कि अगर हम लोग, जो मीटिंग्स में आते हैं, मैं उनपर ज्यादा विश्वास करता हूं क्योंकि वो लोग आते ही इसलिए हैं कि हम कुछ समझकर, सुनकर आत्मसात करें बात को अपने लिए परिवार के लिए और मोहल्ले के लिए, समाज के लिए, वो जबतक भावना हम सब में नहीं होगी, तब तक स्कीमों का लाभ सब प्रदेशवासियों को मिल नहीं सकता है। इसलिए आज ये मुबारक मौका है, इतिहास बनेगा हॉस्टल और सामुदायिक भवन के माध्यम से जाटव समाज का। जाटव समाज बहुत समझदार और जागरूक समाज है, सब जानते हैं। मैं समझता हूं कि भरोसी जाटव जैसे यहां बैठे हुए हैं हमारे वरिष्ठ नेता, जिनको मैं 40 साल से जानता हूं। तो आज सब लोग यहां बैठे हुए हैं, रामकेश जी बैठे हुए हैं, गंगा बहन बैठी हुई हैं, सब लोग दिमाग में रखें और सबको कहें कि हम प्रदेश के अंदर स्कीमों को गावों तक पहुंचाएंगे और गरीब को लाभ दिलाएंगे, ये हमारी सबकी भावना होनी चाहिए और साथ में मैं ये भी कहना चाहूंगा कि सुभाष गर्ग जी ने शुरुआत कर दी है 5 लाख रुपए से, तो मैं भी चाहूंगा कि सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रुपए आपको इस मौके पर आपको इस काम में मिलें, जिससे कि और हौसलाफजाई हो दानदाताओं की, जो यहां पर आए हैं उनकी भी और जो नहीं आए हैं उनकी भी और सब मिलकर हम लोग इस हॉस्टल के काम को पूरा करें, यही भावना हमारे मन में होनी चाहिए, यही बात कहता हुआ में भजनलाल जी का और तमाम और साथियों का जो हमारे अध्यक्ष हैं समाज के जाटव महासभा के अध्यक्ष, उनके पदाधिकारी और घनश्याम बृजवासी जी का विशेष धन्यवाद क्योंकि अभी जब मैंने देखा, उनके हाथों से आपने शिलान्यास करवाया, मुझे बहुत ही खुशी हुई, गर्व हुआ कि समाज भूलता नहीं है उन लोगों को जो समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं, जिन्होंने कुछ किया है। अगर घनश्याम बृजवासी जी के जमाने में जमीन मिली, तो आज के दिन आपने उनको भी याद रखा बुजुर्ग को, इसकी मुझे बहुत विशेष प्रसन्नता हो रही है, मैं साधुवाद देना चाहता हूं, धन्यवाद देना चाहता हूं। यही बात कहता हुआ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, धन्यवाद, जयहिंद, धन्यवाद।