संसदीय क्षेत्र के प्रवास दौरान बूंदी पहुंचने के बाद सीधे जिला चिकित्सालय जाकर कोविड सेंटर में उपचार सुविधाओं की समीक्षा की। जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन से चिकित्सा सुविधाओं में सुधार व विस्तार को लेकर चर्चा हुई। अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड को नियंत्रित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक सर्वे करवाया जाए। जिस क्षेत्र में अधिक मरीज मिलते हैं, उसे कंटेंनमेंट जोन घोषित कर संक्रमितों को उचित उपचार दें। ऐसा करके ही हम कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ पाएंगे।
बूंदी को जल्द आक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना दिया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं तथा बूंदी जिले में आक्सीजन की कमी नहीं आने दी जाएगी। बूंदी जिले में मेडिकल कॉलेज तथा उससे संबंद्ध चिकित्सालय का निर्माण कार्य जल्द शुरू करवाने के लिए बात की। जिला चिकित्सालय में ICU की नई विंग बनाने के लिए भी निर्देश दिए। गंभीर बीमार बच्चों के लिए भी NICU वार्ड बनाने के लिए कहा है। जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर चिकित्सा इंफ्रास्ट्रक्चर को भी सुदृढ़ बनाने को कहा ताकि किसी भी महामारी या बीमारी के आने पर ग्रामीणों को उनके घर के निकट ही समुचित उपचार उपलब्ध करवा जा सके। इस दौरान आमजन से भी बात की और कोविड से बचाव के लिए सतर्कता व सजगता बरतने की आव्हान किया। कोरोना की पहली लहर के दौरान बूंदी संक्रमण मुक्त रहा था, उसी तरह हमें इस बार भी बूंदी को संक्रमण मुक्त बनाने के लिए सामुहिक प्रयास कर उदाहरण स्थापित करना है।
बूंदी के बाद तालेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रा का भी दौरा किया तथा वहां उपचार सुविधाओं में सुधार के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। गांवों की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य कोरोना योद्धा सैनिक भी तैनात किए गए हैं। उन्हें मेडिकल किट दी गई ताकि सामान्य जांचें गांवों में ही हो सकें। हर गांव में "मेरा गांव-स्वस्थ गांव" अभियान चलाया जाएगा, जिसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा ताकि वे हर गांव को स्वस्थ रखने में सहभागी बन सकें।

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