OMG ! #अंतिम_संस्कार के 10 दिन बाद #जिंदा_लौटा_घर, पत्नी बोली आप तो मर गए; बोला-'मैं भूत नहीं हूं*
राजसमंद: आज हम आपको एक ऐसे आदमी के बारे में बता रहे हैं जो अपने अंतिम संस्कार (Funeral) के 10 दिन बाद वापस जिंदा घर लौट आता है. जब परिवार वाले जिसका गम मना रहे हो और वह अचानक लौटकर आ जाए तो सोचो उस समय क्या दृश्य होगा. हम आपको कोई फिल्मी कहानी नहीं बता रहे बल्कि एक ऐसी सच्ची कहानी से रूबरू करवा रहे हैं जो राजसमंद में घटित हुई है.
राजसमंद शहर में जिसका दस दिन पहले मृत समझकर अंतिम संस्कार कर दिया गया वो जिंदा घर लौट आया तो परिजनों के साथ हर कोई चौंक गया. भाई व बच्चों ने सिर मुंडवा दिए और घर पर 9 दिन से गमी का माहौल था और इसी बीच रविवार शाम वह घर लौट आया, तो हर कोई चौंक गया.
11 मई को मोही रोड पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था:
जानकारी के अनुसार 11 मई को मोही रोड पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला, उसे 108 एम्बुलेंस से आरके जिला चिकित्सालय पहुंचा दिया. फिर जिला अस्पताल प्रशासन ने कांकरोली पुलिस को पत्र भेजकर उसकी पहचान के लिए कहा. पुलिस ने पहचान के प्रयास किए, मगर पता नहीं चल सका. फिर 15 मई को हेड कांस्टेबल मोहनलाल अस्पताल पहुंचे, जहां सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के आधार पर पुलिस ने विवेकानंद चौराहा, कांकरोली निवासी ओंकारलाल गाडोलिया लौहार के भाई नानालाल व परिजनों को बुला लिया. नानालाल ने पुलिस को बताया था कि उसके भाई ओंकारलाल के दाएं हाथ में कलाई से लेकर कोहनी तक लम्बा चोट का निशान है. वहीं बाएं हाथ की दो अंगुलिया मुड़ी हुई हैं. ऐसे में अस्पताल प्रशासन व पुलिस ने शव तीन दिन पुराना व डी फ्रिज में होने का हवाला देकर हाथ के निशान मिटने की बात कहकर परिवार को शव दे दिया.
बिना पोस्टमार्टम करवाए ही पंचनामा बनाकर शव दे दिया:
पुलिस व अस्पताल प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम करवाए ही पंचनामा बनाकर शव दे दिया और परिजनों ने औंकारलाल गाडोलिया लौहार समझकर अंतिम संस्कार भी कर दिया. पिछले10 दिनों से परिवार में गमी का माहौल था. रविवार शाम औंकारलाल घर लौट आया, तो परिजन चौंक गए. औंकारलाल ने बताया कि 11 मई को परिजनों को बताए बगैर ही उदयपुर गया था. तबीयत खराब होने पर उदयपुर अस्पताल में भर्ती हो गया, जहां चार दिन बाद छुट्टी दी. रविवार को राजसमंद लौटा, तो देखा उसकी तस्वीर पर माला चढ़ी थी और भाई व बच्चों ने सिर मुंडवा रखे थे.
बीमार होने से खुद ही अस्पताल भर्ती हो गया:
बताया कि औंकारलाल उसके परिवार के साथ काफी समय से उदयपुर में ही प्रवासरत है, मगर लॉकडाउन के चलते उसका परिवार राजसमंद में भाई के पास लौट आया. इसी बीच 11 मई को औंकार बिना बताए अकेला उदयपुर चला गया और बीमार होने से खुद ही अस्पताल भर्ती हो गया और घर पर परिजनों को नहीं बताया. औंकारलाल शराब का आदी था.
अस्पताल के साथ पुलिस सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे:
अब सवाल उठ रहा है कि जिसे मृत समझकर अंतिम संस्कार कर दिया, वह जिंदा निकला, तो फिर जिसका अंतिम संस्कार किया था, वह कौन था. शव का न तो पोस्टमार्टम हुआ और न ही विसरा रिपोर्ट ली. अब ऐसे में पुलिस कैसे पता करेगी कि जिसका अंतिम संस्कार कर दिया, वह कौन था. इससे अस्पताल के साथ पुलिस सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. कांकरोली पुलिस और आरके अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही सामने आई है. ऐसे में अब राजसमंद पुलिस के पास बड़ी चुनौती है कि जिस शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया हो उसके शिनाख्त कैसे किया जाए.

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