वीसी के माध्यम से पावटा अस्पताल विस्तार तथा राजमेस भवन का शिलान्यास एवं न्यूरो आई.सी.यू., एन.आई.सी.यू., 4-डी सोनोग्राफी मशीनें, आक्सीजन प्लान्ट्स एवं अन्य चिकित्सा
सुविधाओं का लोकार्पण कार्यक्रम।
एकसाथ में लगभग 16 उद्घाटन व शिलान्यास होना मैं समझता हूं कि आप समझ सकते हैं कि किस दिशा में हम जा रहे हैं और आप सबको मालूम है, धारीवाल जी ने कहा, रघु शर्मा जी ने कहा कि पिछले टर्म से ही, जब मैं दूसरी बार मुख्यमंत्री था तबसे ही मैंने मेडिकल पर ध्यान देना शुरू किया। फ्री मेडिसिन्स, फ्री जांचें और जैसे कोटा का उदाहरण दिया गया, कोटा में NICU, ये 2012-13 का फैसला हमारा है और उसके कारण से इतना लाभ मिला कि नवजात शिशुओं को बचाने में कि पिछली गवर्नमेंट बीजेपी की थी, तब भी शिशु मृत्युदर कम हुई थी और अब जब हमारी गवर्नमेंट बनी है तो और कम हो गई है। तब भी कई बार इश्यू बना दिए जाते हैं गलत आंकड़ों के आधार पर और मीडिया भी उनको लिए चलता है, आप सबने देखा है क्या हुआ था पूरे देश के अंदर कोटा को लेकर और जब गुजरात के चीफ मिनिस्टर के खुद के जिले में जब शिशु मृत्युदर जब सामने आया, तब जाकर यह इश्यू खत्म हुआ, तो ये कई बार होता है। पर इस मुबारक मौके पर मैं कहना चाहूंगा कि अब भी हमारा फोकस और तो जो भी विकास के काम हैं, चाहे पानी के हों, बिजली के हों, शिक्षा के, सड़कों के, सिंचाई के, कृषि के, सोशल वैलफेयर के, विमन एंड चाइल्ड के, वो तो रहेंगे, परंतु ये मेडिकल जो है ये हमारा टॉप रहेगा फोकस के अंदर क्योंकि हर व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा बने किसी भी क्षेत्र में प्रदेश में, देश में, तो ज्यादा मानव संसाधन उपयोगी साबित हो सकता है, सभी दृष्टिकोण से। इसलिए हमने जो ध्येय वाक्य बनाया था निरोगी राजस्थान। इसबार सरकार बनी तो हमने बाकायदा उसको लॉन्च किया... डॉ. देवी शेट्टी को, डॉ. शिरीन को बुलाया दिल्ली से भी बैंगलूरु से भी और प्रॉपर तरीके से हमने कहा कि राजस्थान वो राज्य बनना चाहिए यहां पर, प्रिवेंशन ऑफ मेडिसिन की थीम लेकर हम चलें और आप देख रहे हो कि लगातार उसी पर हम जोर दे रहे हैं और जो हमने निरोगी राजस्थान की बात की थी, तैयारी की थी हर गांव में एक महिला और एक पुरुष स्वास्थ्य मित्र बने, वो हमारी तैयारी काम आ गई कोरोना के अंदर। उस वक्त नहीं मालूम था कि कोरोना महामारी भी आएगी, पर जो कोरोना महामारी आई तो जो हमने तैयारी दिसंबर 2019 में करनी शुरू की थी, वो हमारे काम आई मार्च से और आपने देखा कि आज जो सब लोग कहते हैं देश के अंदर कि कोरोना के मैनेजमेंट में राजस्थान प्रथम था, तो वो आप सबके सहयोग से, मेडिकल फ्रेटर्निटी और बाकी जितनी भी विंग थीं, प्रदेशवासी थे, एनजीओ थे, हमने सबको साथ लिया, पॉलिटिकल पार्टियों को साथ लेने का प्रयास किया, पुलिस के कॉन्स्टेबल तक ने साथ दिया, खाने पहुंचाने में भी, सेवा करने में भी। कहने का मतलब है कि सरकारी-गैर सरकारी तमाम प्रदेशवासियों ने मिलकर ये जंग लड़ी कोरोना की, इसलिए हम लोग कामयाब हुए और संग-संग डिपार्टमेंट ने जो काम किया रघु शर्मा जी के नेतृत्व में कि किस प्रकार से इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो। यहां जीरो हमारा था टेस्टिंग, पुणे-दिल्ली भेजते थे शुरू-शुरू में टैस्ट करने के लिए कोविड का, आज 70 हजार पर डे टैस्टिंग की सुविधा हमारे यहां हमारे हाथ में हो गई है। आईसीयू के बेड बनाने की बात हो, वेंटीलेटर की बात हो, ऑक्सीजन के प्लांट लगाने की बात हो, आपने अभी देखा, उद्घाटन हुआ था उसका अभी, ऑक्सीजन के प्लांट लग गए, ऑक्सीजन की लाइनें खिंच गईं अस्पतालों में। आज सभी जिलों के अस्पतालों में अगर ऑक्सीजन की सुविधाएं उपलब्ध हुई हैं, तो आप सोच सकते हो कि हर चीज को बारीकी से देखा गया था। इलाज के मामले में, डॉ. भंडारी यहां बैठे हुए हैं, डॉक्टरों ने कमी नहीं रखी, जो एसएमएस के रिसर्च के साथ में जो फैसले होते थे, उसके आधार पर डॉ. सुधीर भंडारी जी के नेतृत्व में जो फैसले होते थे, उसी रूप में राजस्थान में मैं समझता हूं कि वो प्रयोग किए गए जो शायद अन्य राज्यों में उस रूप में नहीं हो पाए क्योंकि खाली, जबतक आप खाली टैस्ट करो, टैस्ट तो फेल भी हो सकता है।


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