कोविड सहायतार्थ नागरिक मंच उदयपुर ने की आक्सीजन उपलब्ध करवाने की मांग




उदयपुर । शहर के लोकतांत्रिक , न्यायपसन्द और जनपक्षिय नागरिकों के द्वारा उदयपुर  मे कोविड महामारी की बिगड़ती स्थितियों और अस्पतालों मे ऑक्सीजन बेड-ICU-वेंटिलेटर-रेमडेसीविर आदि की कमी को दूर करने की मांग के साथ सोशल मीडिया पर नारो के साथ फ़ोटो खिंचा कर और वीडियो बना कर अपनी मांग उठायी। विरोध प्रदर्शन का मकसद जहाँ PM-CM-DM को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग करना था वहीं आम उदयपुरवासियो को अपने रिश्तेदारों को कोविड अस्पतालों मे ले जाते वक्त आ रही परेशानियों को भी सामूहिक रूप से आवाज देना था।


 केंद्रीय श्रमिक संगठन ऐक्टू के राज्य अध्यक्ष शंकरलाल चौधरी ने कहा कोविड महामारी के दूसरे दौर मे उपजी परिस्थितियों के कारण जनता के व्यापक हिस्से, खासतौर पर गरीबों और निम्नमध्यवर्गीय नागरिकों का जीवन मुश्किल में आ गया है।देश, हमारे  प्रदेश और जिले मे  समय रहते इस बिमारी की व्यापकता और आक्रामकता की दृष्टी से गंभीर विचार कर आधारभूत चिकित्सीय ढांचे और सुविधाओं के निर्माण नहीं किए जाने के कारण अफरातफरी, अव्यवस्थाओं  और भय का वातावरण बन गया है।


सीटू के जिला अध्यक्ष राजेश सिंघवी ने कहा उदयपुर शहर मे कोरोना के गंभीर रोगियों को समय पर अस्पतालों में कोविड-बेड नहीं मिल रहे हैं । अस्पतालों मे आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने के कारण पीडितों की सांसें उखड़ रही हैं। 


एटक के हिम्मत छांगवाल ने कहा विभिन्न राजकीय एवं निजी कोविड अस्पतालों में कोविड बेड्स की श्रेणीवार संख्या - ऑक्सीजन बेड-ICU-वेंटीलेटर के आकड़ो को जिला प्रशाशन औपचारिक रूप से जारी करे ताकि पार्दर्शिता के साथ इलाज की सुविधा सुलभ हो सके। 


किसान महासभा के चंद्रदेव ओला ने कहा बिना शहर मे तुरंत प्रभाव से ऑक्सीजन बेड-ICU-वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाये बिना और ऑक्सीजन - रेमडीसीवीर इंजेक्शन की उपलब्धता को सुन्निचित किए बिना लोगो की जान बचाना संभव नहीं होगा। इसके लिए निजी अस्पतालों का अधिग्रहण किया जाना चाहिए।


ए. आई. सी. टी. यू की लीला शर्मा ने कहा ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही की जाये जो कोविड बेड उपलब्ध होने पर भी मरीज को इलाज के लिए भर्ती किये बिना लौटा दे रहे है। जिन अस्पतालों में कोविड फैसीलिटी की अनुमति दी गयी है/उपलब्ध है, वहां यह सुनिश्चित किया जाए कि असपताल के पास कम से कम अगले 24घंटे के लिए क्षमता के हिसाब से आक्सीजन उपलब्ध है।


 ऐपवा की नगमा ने कहा यह कतयी उचित और वांछित नहीं है कि गंभीर पीड़ितों सहित तमाम जांच करवाने आने वाले नागरिक वहां संक्रमण की संभावनाओं से ग्रसित घंटों लंबी लाइनों में खड़े रहें। उन्होंने कहा कोविड संक्रमण का समय पर पता लगाने के लिए जांच की संख्या बढ़ाने की जरूरत है और भीड़ कम करने के लिए अधिक जांच सेंटर खोले जाने चाहिए।


पी. यू. सी. एल के अश्विन पालीवाल ने रेमडीसीवीर इंजेक्शन की काला बाजारी करने वालो पर सख्त कार्यवाही की मांग की। सामाजिक कार्यक्रता अधिवक्ता पी. आर. सालवी ने कहा ग्रामीण इलाकों मे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर OXYMETER जैसी बुनियादी उपकरण की गारंटी की जाए और इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाईओ का निशुल्क वितरण किया जाए। 


मानवअधिकार कार्यक्रता रिंकू परिहार ने कहा हम कोविड मरीजो को राहत दिलाने के लिए UDAIPUR CITIZENS COVID-19 HELP GROUP के नाम से हेल्पलाइन भी चला रहे है जिसका पोस्टर वालंटियर के नाम और संपर्क नंबर के साथ सोशल मीडिया पर जारी कर दिया गया है।


 आरती शर्मा ने कहा कोविड इस तरह की बीमारी है जहाँ परिजन बीमार से कोविड वार्ड मे नहीं मिल पाते । उनकी तस्सली के लिए और अस्पतालों के इलाज मे पारदर्शिता लाने के लिए कोविड वार्ड मे CCTV कैमरे लगाए जाएं। 


रजिया बानो ने कहा कोविड महामारी को भयावह रुक लेने से रोकने के लिए वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेज करना होगा क्योकि अभी 10 प्रतिशत आबादी को ही एक टिका लग पाया है। एक ही देश मे कोविड की अलग-2 रेट की नीति भी गलत है।


ऐक्टू के सौरभ नरुका ने कहा कोविड से निपटने के लिए जरूरी है कि उदयपुर के नागरिक जाति-धर्म से ऊपर उठकर और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ एकता बनाये और एक दूसरे का साथ दे। इसके साथ ही एकता के बल पर सरकारों की जवाबदेही तय करने के लिए बुलंद आवाज उठाये। सोशल मीडिया और अन्य माध्यमो से कोविड के इलाज , बचाव और वैक्सीनशन के प्रति जागरूकता बढ़ाये।


प्रदर्शन मे रुकसाना , रिहाना, , तस्लीम, शकीला आदि ने भी भागीदारी करी।