सफाई जमादार सुरेश वॉल्मिकी के हौसले और जिम्मेदारी की हो रही है चर्चा - पार्षद नाज़िश नाज़
बून्दी जिले के इंद्रगढ़ में लॉकडाउन में अपनी जिम्मेदारी के साथ लोगों को संक्रमण से बचाने में जहां डॉक्टर अपनी भूमिका निभा रहे हैं। वहीं, पुलिसकर्मी भी लॉकडाउन का पालन कराने में रक्षक बनकर मैदान में हैं, लेकिन एक और योद्धा है, जो इस कोरोना की जंग में अपनी मौजूदी का अहसास कराकर लोगों को संक्रमित होने से बचा रहा है, वह है सफाई जमादार सुरेश वाल्मीकि। कोरोना की इस जंग में गंदगी को दूर करने वाले ये सफाई कर्मचारी रूपी योद्धा आज भी उसी ईमानदारी और जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों का निवाह कर रहे हैं, जैसे पहले करते आये हैं। कोरोना के लॉकडाउन में सबसे बड़ा योद्धा सफाई कर्मचारी है, जो सुबह से ही शहर और गांव को गंदगी मुक्त करने में जुट जाते हैं। इनके करण ही संक्रमण फैलने से लोगों को बचा जा रहा है
जान जोखिम में डालकर क्वारंटीन सेंटरों में पहुंचकर सफाई करवाते हैं। उसके बाद सुरक्षित स्थान पर गंदगी को फेंकते हैं, ताकि संक्रमण न फैले। यह भी एक बड़ी जिम्मेदारी का काम है, लेकिन ये सफाई के योद्धा अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।
क्वारांटीन सेंटर हो या आइसोलेशन वार्ड, सभी की सफाई की जा रही है। कोरोना का डर इन्हें भी लगता है, लेकिन वह अपनी परवाह कम और दूसरों की ज्यादा करते हैं। निर्धारित समय पर ड्यूटी पर आते हैं और समय पर ही ड्यूटी पूरी कर चले जाते हैं। इनके कार्यों की भी हर जगह सराहना हो रही हैं।
पार्षद नाज़िश नाज़ ने सुरेश जमादार के हौसले बड़ाने के लिए स्वय ने सेनेटायज़र किये एवं सभी सफाई कर्मी योध्दाओ का आभार व्यक्त किया ।


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